हकीकत से रूबरू हो चुके हैं
अब कोई ख़्वाब सजाना नहीं हैं..
बहुत की हैं गलतियाँ पहले..
अब उन्हें दोहराना नहीं हैं...
दोस्त बने चाहें दुश्मन...
अब किसी से घबराना नहीं हैं...
जो समझें मुझे वो ठीक
अब किसी को समझाना नहीं हैं..
जो लोग पीछे छूट गए
अब किसी को मनाना नहीं हैं..
अब समझ गए हैं वजूद अपना
दूसरों के लिए खुद को मिटाना नहीं हैं...
#विद्यार्थीमित्र
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